यूपीएससी आईएएस और यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन अभ्यास कार्यक्रम: पेपर - III (सामान्य अध्ययन-2: शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) - 18, नवंबर 2019


यूपीएससी आईएएस और यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए उत्तर लेखन अभ्यास कार्यक्रम (Answer Writing Practice for UPSC IAS & UPPSC/UPPCS Mains Exam)


मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम:

  • प्रश्नपत्र-3: सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

प्रश्न - ‘‘रोगी अधिकार चार्टर’’ से आप क्या समझते हैं? इस सन्दर्भ में दिए गये ड्राफ्ट के आधार पर रोगियों और उनके अभिभावकों के कर्तव्यों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)

मॉडल उत्तर:

  • चर्चा में क्यों है?
  • परिचय-रोगी अधिकार चार्टर क्या है?
  • मुख्य भागः- भारत में रोगियों को दिए गये अधिकार।
  • रोगियों एवं उनके अभिभावकों के कर्तव्य।
  • निष्कर्ष

उत्तर - चर्चा में क्यों है?

हाल ही में गांधी जयन्ती के अवसर पर दिल्ली के राजघाट में जन स्वास्थ्य अभियान के तहत कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा ‘‘मरीज सत्याग्रह’’ प्रदर्शन किया गया है।

परिचय -

  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रोगियों के अधिकार संबंधी चार्टर को प्रस्तावित किया है, यह चार्टर अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर से प्रेरित और राष्ट्रीय स्तर के प्रावधानों से निर्देशित सभी प्रासंगिक प्रावधानों को एक ही दस्तावेज में समेकित करता है। इस चार्टर के अन्तर्गत रोगियों को महत्वपूर्ण अधिकार देने की बात की गई है जिनमें से कुछ अधिकार निम्नलिखित हैः-
  • प्रत्येक रोगी को अपनी बीमारी के विषय में जानने का अधिकार होगा। इसके साथ ही मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी तथ्यात्मक जानकारी एं उपचार संबंधी प्रमाण प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  • रोगी को अपने रिकार्ड और रिर्पोट रखने का अधिकार होगा। साथ ही रोगियों के संबंधी को अपने रोगी के अस्पताल से सेवा मुक्ति होने के बाद, सेवा मुक्ति विवरण तथा मृत्यु संबंधी विवरण भी प्रमाणित प्रति प्राप्त करने का अधिकार है।
  • रोगी को स्वास्थ्य आपात में चिकित्सीय सहायता प्राप्त करने का अधिकार है।
  • प्रत्येक रोगी को जोखिमपूर्ण उपचार या परीक्षण से पहले संभावित सूचनाएं देनी अनिवार्य होंगी।
  • प्रत्येक रोगी को अपनी निजता को बनाए रखने का अधिकार होगा और डॉक्टर को रोगी के रोग से संबंधित जानकारी को गुप्त रखना होगा।
  • रोगी को अपने लिए द्वितीय परामर्श प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  • रोगी को अस्पताल द्वारा दी जा रही सेवाओं के लिये निर्धारित मूल्य की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा।
  • इसके साथ ही इस ड्राफ्ट में कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं को भी सम्मिलित किया गया है। जिनमें रोगी के साथ भेदभाव का अभाव, रोगी को अस्पताल में सुरक्षित व गुणवत्तापूर्ण वातावरण, रोगी को वैकल्पिक उपचार चुनने का अधिकार आदि, अधिकारों को भी सम्मिलित किया गया है।

भारत में रोगियों को दिए गये अधिकार -

  • भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोगियों को विभिन्न प्रावधानों के अन्तर्गत अधिकार दिए गये हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2002, औषधि एवं रसायन अधिनियम 1940, चिकित्सीय परीक्षाण अधिनियम 2010 एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गए विभिन्न निर्णयों के तहत रोगियों के विभिन्न अधिकारेां को सुरक्षित रखा गया है। वर्तमान में भारत में रोगियों को निम्नलिखित अधिकार दिए गए हैं-
  • रोगी को पूरे सम्मान के साथ चिकित्सीय देख-भाल पाने का हक है।
  • रोगी को अपनी बीमारियों को तथा उससे सम्बन्धित दवाओ को जानने का अधिकार है।
  • रोगी को बीमारी से संबंधित सभी दस्तावेज प्राप्त करने का अधिकार है।
  • रोगी को इलाज से संबंधित जानकारियों को गुप्त रखने का अधिकार है।
  • रोगी को बीमारी के समय अन्य परामर्श लेने का अधिकार।
  • रोगियों एवं उनके अभिभावकों के कर्तव्य -
  • ड्राफ्ट के अनुसार, रोगियों एवं उनके अभिभावकों से कुछ कर्तव्यों की अपेक्षा की गई है, जिनमें से मुख्य कर्तव्य निम्नलिखित हैं-
  • रोगियों द्वारा स्वास्थ्य संबंधित प्रत्येक जानकारी चिकित्सक को दी जानी चाहिए ताकि वह रोग को सही तरीके से पहचान कर उसका निदान कर सके।
  • रोगी को चिकित्सा के दौरान किये जा रहे परीक्षण जांच, डॉक्टर के परामर्श के साथ अपना पूरा सहयोग देना चाहिए।
  • रोगी को अस्पताल द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।
  • रोगी को चिकित्सक की गरिमा, अस्पताल के स्टाफ के सम्मान एवं उनकी व्यवसायिकता का ध्यान रखना चाहिए।
  • रोगियों केा अपने द्वारा लिये गए चिकित्सीय निर्णय की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए साथ ही दिए गये चिकित्सा सुविधा से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष -

रोगियों के अधिकार की रक्षा करना नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक है साथ ही साथ उन्हें इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए। रोगियों के स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने के लिए तथा उनके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए मानवाधिकार आयोग ने रोगियों के अधिकारों को स्वीकार किया है। अतः मानवाधिकार के इस कार्य को ध्यान में रखते हुए रोगियों के हितों को निश्चित करना चाहिए।

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