यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध के निर्माण की योजना (China Plans to build Dam on Brahmaputra River)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध के निर्माण की योजना (China Plans to build Dam on Brahmaputra River)

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध के निर्माण की योजना (China Plans to build Dam on Brahmaputra River)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में चीन की संसद ने नई पंचवर्षीय योजना (2021-2025) का एक प्रारूप पेश किया, जिसमें उसने ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश से सटे तिब्ब्त के इलाके में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बनाने की तैयार कर रहा है।

प्रमुख बिन्दु

  • चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) को मंजूरी दी। इसमें अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद जल विद्युत परियोजना भी शामिल है।
  • 14वीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की निचली धारा पर बांध बनाना शामिल था, जिस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी। इसके बावजूद भी एलएसी (LAC) के पास निचले इलाकों में बाँध बनाने के लिए चीनी जलविद्युत कंपनियां लंबे समय से निर्माण प्रस्तावों का इंतजार कर रही हैं।
  • चीन ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले वर्ष नवम्बर में की थी। उस वक्त चीन ने कहा था कि यारलंग जैंगबो के निचले क्षेत्रों में बांध बनाना उसका वैध अधिकार है। चीन ने यह भी कहा था कि इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान निचले क्षेत्रों में पड़ने वाले भारत और बांग्लादेश के हितों का ध्यान रखा जाएगा।

बांध निर्माण से भारत-बांग्लादेश पर प्रभाव

  • इस बांध के बन जाने के बाद भारत, बांग्लादेश समेत कई पड़ोसी देशों को सूखे और बाढ़ दोनों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरित्तफ़ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के नाम पर चीन इस नदी पर जो बांध बनाएगा उससे नदी पर पूरी तरह चीन का नियंत्रण हो जाएगा।
  • चीन द्वारा बांध के दरवाजे खोलने एवं बंद करने से पानी का बहाव तेजी से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की तरफ आएगा। अरुणाचल प्रदेश, असम समेत कई राज्यों में बाढ़ आ सकती है।
  • ब्रह्मपुत्र को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के लिए जीवन का आधार माना जाता है और लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं।
  • भारत और चीन के बीच कोई जल साझाकरण समझौता नहीं हैं फिर भी देखा जाये तो नदी के ऊपर के क्षेत्र में चीन की एक लाभकारी स्थिति में है और इस कारण वह पानी के बहाव को जानबूझकर रोकने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर सकता है। ब्रह्मपुत्र के साथ चीन की बांध-निर्माण और जल विभाजन की योजना दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव का एक स्रोत है।

ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम

  • तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत के चेमायुंगडुंग (Chemayungdung) ग्लेशियर से से सांगपो नदी निकलती है, जब यह नदी पश्चिमी कैलाश पर्वत के ढाल से नीचे उतरती है तो ब्रह्मपुत्र कहलाती है। चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जैंगबो (Yarlung Zangbo) नदी कहा जाता है।
  • इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, सियांग, बुढ़ी दिहिंग, तीस्ता और धनसरी हैं। ब्रह्मपुत्र नदी अरूणाचल प्रदेश में वृहद् हिमालय को काटकर एक गहरे महाखड्ड (गॉर्ज) का निर्माण करती है, जिसे हम दिहांग गॉर्ज कहते हैं।
  • ब्रह्मपुत्र नदी जब अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो अरुणाचल प्रदेश की दो सहायक नदियाँ दिबांग नदी और लोहित नदी ‘ब्रह्मपुत्र नदी’से मिलती हैं, तत्पश्चात ब्रह्मपुत्र नदी असम राज्य के समतल घाटी में प्रवेश कर जाती है।
  • असम के सदिया से लेकर धुबरी तक ब्रह्मपुत्र नदी पूर्व से पश्चिम की ओर एक रैम्प घाटी में प्रवाहित होती है इस रैम्प घाटी के उत्तर में हिमालय पर्वत तथा दक्षिण में शिलांग का पठार स्थित है।
  • सदिया से धुबरी तक प्रवाहित होने के बाद ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी से दक्षिण की ओर अचानक मुड़कर बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है, यहाँ ब्रह्मपुत्र नदी को जमुना नदी के नाम से जाना जाता है।