यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलन रिपोर्ट (Climate Change Assessment Report on Indian Territory)

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलन रिपोर्ट (Climate Change Assessment Report on Indian Territory)

भारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलन रिपोर्ट (Climate Change Assessment Report on Indian Territory)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में जारी भारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलन रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दशकों में हिंदू-कुश हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं की चोटियों पर बर्फबारी की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिसने इस क्षेत्र के ग्लेशियरों को सिकुड़ने से बचा लिया है।

परिचय

  • वस्तुतः उत्तराखंड में बाढ़ के कारण अभी भी कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है जो संभवतः ग्लेशियर के फटने के कारण हुई और चमोली जिले में जोशीमठ क्षेत्र के पास विनाश का एक कारण बन गई।
  • अत्यधिक ऊंचाई वाले काराकोरम हिमालय पर उच्च हिमपात की स्थिति देखी गई है जिसने इस क्षेत्र को ग्लेशियर को पिघलने से बचा लिया है।
  • इस संदर्भ में पृथ्वी विज्ञान मंत्रलय द्वारा भारतीय क्षेत्र रिपोर्ट (Indian Region Report) के आधार पर जलवायु परिवर्तन पर आकलन भी जारी किया गया है और यह भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को लेकर भारत का पहला राष्ट्रीय पूर्वानुमान है।

हिंदू-कुश हिमालय (HKH)

  • हिमालय के ग्लेशियर दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो कृषि, हाइड्रोपावर और जैव विविधता तथा पीने का पानी और जल संसाधन प्रदान करते हैं।
  • हिमालय क्षेत्र के हिन्दु-कुश में ग्लेशियर 8.6 करोड़ भारतीयों सहित इस क्षेत्र में रहने वाले 24 करोड़ लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जलापूर्ति है, जो देश के पांच सबसे बड़े शहरों के बराबर है।
  • इस क्षेत्र की वार्षिक वर्षा का लगभग 50 प्रतिशत सर्दियों के महीनों के दौरान होती है, बाकी महीनों के लिए बर्फवारी ही पानी का प्राथमिक स्रोत होती है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट के अनुसार अन्य मौसमों की तुलना में हिंदुकुश काराकोरम क्षेत्र में समग्र जलवायु सर्दियों के मौसम के दौरान उच्च दर पर ग्लोबल वार्मिंग से गुजर रही है। इसके अलावा, इस क्षेत्र से प्राप्त वार्मिंग वैश्विक औसत तापमान से अधिक है और इस वार्मिंग प्रवृत्ति के कारण, इस क्षेत्र में अनुमानित वर्षा में वृद्धि की उम्मीद है।
  • रिपोर्ट के अनुसार हिंदूकुश काराकोरम क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि होगी, जिसमें लगातार पांच दिन तक होने वाली वर्षा की घटनाओं में वृद्धि होगी।
  • वर्ष 1951 से 2014 के दौरान दशकीय तापन/वार्मिंग की दर 1.3 डिग्री सेल्सियस थी। वर्ष 1900 से 1950 के दौरान जब ग्लोबल वार्मिग के बारे में अधिक स्पष्ट नहीं था तब इसमें 0.16 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई।
  • रिपोर्ट में वर्ष 2040-2069 के दौरान 2.2 डिग्री सेल्सियस वार्षिक औसत तापमान में वृद्धि का अनुमान लगाया गया है और पुनः इसी दर के साथ वर्ष 2070-2099 के दौरान इसमें 3.3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी।
  • हिंदुकुश काराकोरम पर्वतमाला पर बर्फ के आवरण ने 1980 से 2018 तक अलग-अलग प्रवृत्तियां दिखाई हैं, जिसमें 2000 के बाद मध्यम गिरावट दर देखी गई है।

पूर्वत रिपोर्ट

  • दो साल पहले जारी एक रिपोर्ट में, ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट’ (आईसीआईएमओडी) (ICIMOD) द्वारा समन्वित हिन्दु कुश हिमालय आकलन में कहा गया कि पूर्वी हिमालय के ग्लेशियर मध्य और पश्चिमी हिमालय की तुलना में तेजी से सिकुड़ गए हैं।
  • इसके अलावा ‘एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीटड्ढूट’ ज्म्त्प् द्वारा 2019 चर्चा पत्र में हिमालयी क्षेत्र में वार्मिग रेट को ध्यान में रखते हुए 2020 के दशक में 0.5 डिग्री से एक डिग्री सेल्सियस तक और मध्य-शताब्दी तक एक से तीन डिग्री तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया। हालांकि, वार्मिग दर स्थानिक या अस्थायी रूप से एक समान नहीं है।