भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 - समसामयिकी लेख

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 :संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण तथा निम्नीकरण , पर्यावरणीय प्रभाव आकलन।

की वर्ड्स- भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021, एफएसआई , वन क्षेत्र (फारेस्ट कवर ) , ट्री कवर, मैंग्रोव, कार्बन स्टॉक।

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा 'इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021' जारी की गई है। इसे भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार किया जाता है यह देश के वन और वृक्ष संसाधनों के आकलन में अनिवार्य रिपोर्ट है।

भारत वन स्थिति रिपोर्ट (इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट) रिपोर्ट के बारे में :-

  • भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) का प्रकाशन द्विवर्षीय आधार परभारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा किया जाता है। यह भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अंतर्गत एक संगठन है।
  • इस रिपोर्ट को द्विवार्षिक चक्र वन क्षेत्र मैपिंग सहित देश के वन और वृक्ष संसाधनों का आकलन करने के लिए अनिवार्य रूप से प्रकाशित करने का प्रावधान है।
  • इस रिपोर्ट को सर्वप्रथम 1987 में आरम्भ किया गया था। 2021 की रिपोर्ट इस श्रृंखला की 17वीं रिपोर्ट है।
  • वर्तमान रिपोर्ट में, एफएसआई ने भारत के बाघ अभयारण्यों, गलियारों और शेर संरक्षण क्षेत्र में वन आवरण के आकलन से संबंधित एक नया अध्याय प्रस्तुत किया है।

भारतीय वन सर्वेक्षण

  • भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) पर्यावरण और वन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक संगठन है, इसका प्रमुख कार्य देश में वन संसाधनों का सर्वेक्षण और मूल्यांकन करना है।
  • इसकी स्थापना 1965 में एफएओ,यूएनडीपी तथा भारत सरकार द्वारा वन संसाधनों के पूर्व-निवेश सर्वेक्षण (पीआईएसएफआर) नामक एक संगठन के रूप की गई थी
  • सूचनाओं की बदलती आवश्यकताओं के परिणामस्वरूप पीआईएसएफआर की गतिविधियों का की सीमा बढ़ गई तथा 1981 में इसे भारतीय वन सर्वेक्षण के रूप में पुनर्गठित किया गया।

आईएसएफआर 2021 के प्रमुख निष्कर्ष:

इस वर्ष के मूल्यांकन के कुछ प्रमुख निष्कर्ष निम्नवत वर्णित हैं -

  • वन तथा वृक्ष आवरण: रिपोर्ट के अनुसार, भारत का कुल वन और वृक्ष आच्छादन अब 80.9 मिलियन हेक्टेयर हो चुका है , जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 24.62 % है।
  • 2019 की रिपोर्ट की तुलना में देश में कुल वृक्ष और वन आवरण में वृद्धि हुई है। जहाँ वन क्षेत्र में कुल वृद्धि 1,540 वर्ग किलोमीटर हुई हैं वहीँ वृक्ष आच्छादन में 721 वर्ग किमी वृद्धि हुई है।
  • वन क्षेत्र में वृद्धि के मामले में शीर्ष पांच राज्य आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी), तेलंगाना (632 वर्ग किमी), ओडिशा (537 वर्ग किमी), कर्नाटक (155 वर्ग किमी) और झारखंड (110 वर्ग किमी) हैं।
  • वन आवरण में वृद्धि के लिए बेहतर संरक्षण उपायों, वनीकरण गतिविधि, वृक्षारोपण अभियान और कृषि वानिकी मुख्य रूप से उत्तरदायी हैं।
  • क्षेत्रफल के आधार पर, देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र मध्य प्रदेश राज्य में है। इसके उपरान्त अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र का स्थान हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष पूर्वोत्तर के राज्यों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। वर्तमान आकलन में पूर्वोत्तर में 1,020 वर्ग किमी वन क्षेत्र का हास्र हुआ है।
  • वन क्षेत्र में सर्वाधिक कमी अरुणाचल प्रदेश में (257 वर्ग किमी) दर्ज की गई है। इसके उपरान्त मणिपुर(249 वर्ग किमी) नागालैंड (235 वर्ग किमी) मिजोरम (186 वर्ग किमी) तथा मेघालय (73 वर्ग किमी) का स्थान आता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनाच्छादित है। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से, लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में 75 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र हैं, जबकि 12 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों (मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, असम, ओडिशा) में वन क्षेत्र 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच है।
  • "सर्वाधिक सघन वन " की श्रेणी में सर्वाधिक क्षेत्रफल कान्हा से नवेगांव-नागजीरा-तडोबा-इंद्रावती कॉरिडोर का है। इस कॉरिडोर कुल उच्च सघन वन 857.65 वर्ग किमी में विस्तृत है। इस कॉरिडोर का 882.87 वर्ग किमी क्षेत्र "मध्यम सघन वन" की श्रेणी में भी सम्मिलित है। अतः कान्हा से नवेगांव-नागजीरा-तडोबा-इंद्रावती कॉरिडोर उच्च सघन वन तथा मध्यम सघन वन के की श्रेणी में सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला क्षेत्र है।
  • 'ओपन फॉरेस्ट' या खुले वन की श्रेणी में पेंच-सतपुड़ा-मेलघाट कॉरिडोर 392.25 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ प्रथम स्थान पर है ।
  • राजस्थान और मध्य प्रदेश का रणथंभौर-कुनो-शिवपुरी-माधव क्षेत्र टाइगर कॉरिडोर में 15.68 वर्ग किमी के साथ सर्वाधिक क्षेत्र के वनाच्छादन वाला टाइगर रिजर्व क्षेत्र है।

अनूप वन (मैंग्रोव) :-

  • देश में कुल मैंग्रोव कवर 4,992 वर्ग किमी है।
  • इसने 2019 की तुलना में देश के मैंग्रोव कवर में 17 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।
  • मैंग्रोव कवर में वृद्धि दर्ज करने वाले शीर्ष तीन राज्य क्रमशः ओडिशा (8 वर्ग किमी) महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी) तथा कर्नाटक (3 वर्ग किमी) हैं।

कार्बन स्टॉक:

  • रिपोर्ट के अनुसार, देश के जंगल में कुल कार्बन स्टॉक 7,204 मिलियन टन होने का अनुमान है। 2019 की तुलना में देश के कार्बन स्टॉक में 79.4 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
  • कार्बन स्टॉक में वार्षिक वृद्धि 39.7 मिलियन टन है।

वन आवरण तथा वृक्ष आवरण

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत में 'वन आवरण ' को परिभाषित करता है। इस परिभाषा के अनुसार 10% से अधिक वृक्ष छत्र घनत्व वाली सभी भूमि जिसका क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर से अधिक है वन आवरण के रूप जानी जायेगी। इस परिभाषा स्वामित्व, भूमि की कानूनी स्थिति और प्रजातियों की संरचना के आधार से कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।वृक्ष आवरण में वन आवरण के बाहर के पेड़, 1 हेक्टेयर से कम क्षेत्र पर लगे वृक्ष तथा अन्य वृक्ष सम्मिलित होते है।

भारतीय वन सर्वेक्षण ने वनों की चार श्रेणियों को सूचीबद्ध किया है। वे:

  • उच्च सघन वन (70% से अधिक वृक्षक्षत्र घनत्व )
  • मध्यम सघन वन(40% से 70 % तक वृक्ष क्षत्र घनत्व )
  • खुला वन (10 % से 40% वृक्ष छत्र घनत्व )
  • स्क्रब (घनत्व 10 प्रतिशत से कम वृक्ष क्षत्र घनत्व )

स्रोत: PIB

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3
  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन

मुख्य परीक्षा प्रश्न:

  • हाल ही में जारी भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के प्रमुख निष्कर्षों पर चर्चा करें? क्या वन में वृद्धि की वर्तमान दर यूएनएफसीसी पेरिस समझौते के तहत भारत के लक्ष्य को पूर्ण करती है ? समालोचनात्मक परीक्षण करें?