मेरीटाइम थियेटर कमांड (Maritime Theatre Command) : डेली करेंट अफेयर्स

भारतीय नौसेना ने हाल ही में मैरीटाइम थिएटर कमांड के गठन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की है।

इसके गठन को लेकर हुई बैठक में भारतीय सेना और वायुसेना के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। यह बैठक पश्चिमी नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल अजयेंद्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में हुई।

गौरतलब है कि भारतीय थलसेना की ओर से केंद्रीय आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के डिमरी को दक्षिण-पश्चिम सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर के साथ इस कमांड के गठन पर अध्ययन का जिम्मा सौंपा गया है।

भारत में भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच समन्वय की अहम जरूरत पड़ेगी। युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए एक थिएटर कमांड बेहद उपयोगी होती है। जैसे थलसेना के लिए एक थिएटर कमांड, जिसका नेतृत्व एक थलसैनिक करता है और वायुसेना-नौसेना इस कमांड के सहयोगी के तौर पर काम करती हैं।

इसी तरह एक मैरीटाइम थिएटर कमांड में नौसेना युद्ध की मुख्य नेतृत्वकर्ता होगी और थलसेना और वायुसेना उसका सहयोग करेंगी। एक निश्चित थिएटर कमांड बनाने का फायदा यह है कि यहां से बनी रणनीतियों के तहत दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता है। अभी देश में करीब 15 लाख सशस्त्र सैन्य बल हैं। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है।

माना जा रहा है कि एबी सिंह नौसेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्हें ही मैरीटाइम थिएटर कमांड की जिम्मेदारी मिलेगी।